Thursday, April 4, 2013
Tuesday, April 2, 2013
Tuesday, March 26, 2013
Sunday, March 24, 2013
Monday, March 18, 2013
Friday, March 15, 2013
Thursday, March 14, 2013
Tuesday, March 12, 2013
Sunday, March 10, 2013
Saturday, March 9, 2013
Friday, March 8, 2013
Wednesday, March 6, 2013
Monday, March 4, 2013
Sunday, March 3, 2013
Saturday, March 2, 2013
Tuesday, February 26, 2013
Wednesday, February 13, 2013
Saturday, February 9, 2013
Friday, February 8, 2013
Sunday, February 3, 2013
Saturday, February 2, 2013
Thursday, January 31, 2013
Tuesday, January 29, 2013
DUKH KA KARAN
एक सुनार था। उसकी दुकान से मिली हुई
एक लुहार की दुकान थी। सुनार जब काम
करता, उसकी दुकान से बहुत
ही धीमी आवाज होती, पर जब लुहार काम
करतातो उसकी दुकान से कानो के पर्दे
फाड़ देने वाली आवाज सुनाई पड़ती।
एक दिन सोने का एक कण छिटककर लुहार
की दुकान में आ गिरा। वहां उसकी भेंट लोहे
के एक कण के साथ हुई।
सोने के कण ने लोहे के कण से कहा, "भाई, हम
दोनों का दु:ख समान है। हम दोनों को एक
ही तरह आग में तपाया जाता है और समान
रुप से हथौड़े की चोटें सहनी पड़ती हैं। मैं
यह सब यातना चुपचाप सहन करता हूं, पर
तुम...?"
"तुम्हारा कहना सही है, लेकिन तुम पर
चोट करने वाला लोहे
का हथौड़ा तुम्हारा सगा भाई नहीं है, पर
वह मेरा सगा भाई है।" लोहे के कण ने दु:ख
भरे स्वर में उत्तर दिया। फिर कुछ रुककर
बोला, "पराये की अपेक्षा अपनों के
द्वारा गई चोट की पीड़ा अधिक असह्म
होती है।"
Sunday, January 6, 2013
"जीवन हर पल जीने, उत्साह-उमंग के साथ उसे अनुभव करने का नाम है। हर दिन का शुभारम्भ उत्साह के साथ ऐसे हो, जैसे नया जन्म हुआ हो, दिनभर, हर श्वास योगी की तरह जियो, जरा भी नकारात्मकता प्रविष्ट मत होने दो। सकारात्मक, सकारात्मक मात्र सकारात्मक। यही तुम्हारा चिंतन हो। यह चिंतन यदि वर्ष के शुभारम्भ से ही अपनाने का संकल्प ले लो तो तुम्हे सफलताओं के शीर्ष तक पहुँचने में ज्यादा विलम्ब न होगा।
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य "
"Life is all about living each and every moment, and gaining experiences with zeal and joy. Every day should be welcomed like a new birth. Even moment should be lived like a Yogi (Advanced spiritual seeker), not even a single second should be wasted away in thinking negatively. Positive, positive and only positive ! This should be your only frame of mind. If you orient yourself to adopt this mindset with determination at the start of the new year, you won't remain far from the zenith of success in your life.
- Pt. Shriram Sharma Acharya"
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